जिनकिसानों के पास जमीन कम है, वे भी मिर्च की खेती कर अच्छी आमदनी कर सकते हैं। जालोर जिले के बड़गांव के किसानों ने ऐसा करके भी दिखा दिया। जैविक खाद के उपयोग से खेती कर रहे इन किसानों को अब अधिक मुनाफा भी मिल रहा है। यहां की मिर्ची की डिमांड ज्यादा है। इसी कारण फसल के 40 प्रतिशत से अधिक हिस्से की दूसरे राज्यों में खपत है। इससे किसानों को कीमत भी अच्छी मिल रही है। किसान दो बीघा जमीन में मिर्च से हर साल डेढ़ से दो लाख रुपए कमा रहे हैं। इसी वजह से 5 साल में हरी मिर्ची का बुआई रकबा बढ़ा है।
गुणवत्ता बेहतर होने के कारण गुजरात एमपी तक यहां की मिर्ची की मांग है।
एकखेत से साल में दो बार पैदावार
बड़गांवतथा आसपास के गांवों के किसान साल में दो बार हरी मिर्ची की खेती कर रहे हैं। पहली फसल के लिए होली के आसपास खेतों को तैयार कर मिर्च की बुआई की जाती है। एक-डेढ़ माह बाद मिर्ची लगनी शुरू हो जाती है। इसके अलावा जून माह में बुआई के बाद जुलाई में मिर्ची उतरनी शुरू हो जाती है।
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