भारतीय टेस्ट टीम ने विराट की अगुआइ में एक सफल घरेलू सीजन को अंजाम तक पहुंचाया। टीम ने इस सीजन में 13 टेस्ट खेले जिसमें 10 जीते, 2 ड्रॉ रहे और सिर्फ एक मैच में हार मिली। इन आंकड़ों को देखें तो शायद इससे बेहतर टीम कोई और नजर नहीं आती, हालांकि दूसरी नजर से देखें तो शायद इस टीम में भी एक ऐसी चीज है जो आने वाले दिनों में बदलाव की मोहताज हो सकती है।
- बल्लेबाजी क्रम की कमजोर कड़ी
टीम इंडिया ने बेशक न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों को अपने घर में हराकर एक बेहतरीन सीजन को अंजाम दिया। लेकिन बल्लेबाजी क्रम में अभी भी एक स्थान ऐसा है जिसमें चयनकर्ता बदलाव की गुंजाइश तलाश रहे होंगे। छठे नंबर पर पारी संभालने की जिम्मेदारी करुण नायर पर है जो कुछ ही महीने पहले तिहरा शतक जड़ने वाले इतिहास के दूसरे भारतीय क्रिकेटर बने थे (इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में)। हालांकि उसके बाद से तीन टेस्ट की चार पारियों में उनके आंकड़े 26, 23 और 5 रन रहे हैं। जाहिर है कि अब टीम इंडिया विदेशी जमीन पर टेस्ट खेलने उतरेगी और ऐसे में बदलाव मुमकिन है।
- अय्यर के लिए संभावनाएं?
मुंबई के 22 वर्षीय बल्लेबाज श्रेयस अय्यर को धर्मशाला टेस्ट से ठीक पहले चोटिल कोहली के विकल्प के रूप में बुलाया गया था। अगर अय्यर को चयनकर्ता कोहली के विकल्प के रूप में देख सकते हैं तो जाहिर है कि नायर की जगह उनको जगह देना मुश्किल फैसला नहीं होगा। फरवरी में ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ अभ्यास मैच में नाबाद दोहरा शतक (202) हो या फिर घरेलू क्रिकेट में दम दिखाना, हर टेस्ट में अय्यर पास होते नजर आए हैं। रणजी ट्रॉफी (2016-17) के 10 मैचों में 42.64 के औसत से 725 रन बनाने वाले इस युवा खिलाड़ी ने 2014 में घरेलू क्रिकेट में डेब्यू किया था। उसके बाद से 38 प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैचों में उनका औसत 55.18 का रहा है जो उनकी काबिलियत बयां करता है। अब देखना दिलचस्प होगा कि चैंपियंस ट्रॉफी के बाद जब टेस्ट टीम विदेश में खेलने निकलती है तब कप्तान, टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं का भरोसा किस पर जाकर टिकता है।
No comments:
Post a Comment